आज के वचन पर आत्मचिंतन...

हम प्रभु के है, सब कुछ को रचने वाले और अब्रहाम, इसहाक और याकूब (१ पतरस २ :९-१० )। हम परमेश्वर के अनुग्रह के ग्रहण करने वाले है और इस्राईल के पिताओं के लिए उसके प्रेम से आशीषित है । हमे डरने के जरुरत नहीं क्योकि हमारा भविष्य परमेश्वर के हाथों में है , जैसे मसीहा भेजने के लिए उसने अपने चुने हुए लोगो के इतिहास में काम किया था । जो कठिन परीक्षाओं का हम सामना उसमे वह हमे साथ देंगा। हमारा छुटकारा महसूस हो इस बात को वह निश्चित करेगा । क्यों ? क्योकि हम उसकी संपत्ति है । हम उसके है । वह हमे जनता है । उसने हमे बनाया है । परमेश्वर के लोग उसकी संपत्ति अनंत कल के लिए । हम सर्वशक्तिमान परमेश्वर के बच्चे है !

मेरी प्रार्थना...

सर्वसमर्थी और प्रधान प्रभु — हमारे पिताओ के अब्राहम , इसहाक और याकूब के परमेश्वर — मैं आपकी स्तुति करता हूँ आपके विश्वासयोग्यता के लिए आपकी वाचाओं के प्रति ।मैं आपके छूटकरे के कामों के लिए आपका धन्यवाद देता हूँ कई पीढ़ियों के दौरान । मैं गहराई से आपको सरहाता हूँ की आपने अपने पुत्र और हमारे मसीहा को भेजा की हमे छुड़ाए। मैं आपकी स्तुति करता हूँ , मुझे प्रभावित करने के लिए की मैं आपके वचन के सत्य को जान सकू ।कृपया मेरे आभारी ह्रदय को जाने, आपका होने की आशीष के लिए और यह भी की मैं अपने भिवष्य के साथ आप पर भरोसा कर सकता हूँ । कृपया अपने लोगो को अपने साथ जुड़े रहने के अध्भुत अहसास से आशीषित करे और हमे इस्तेमाल कर की तुझे महिमा मिले । येशु के नाम से प्रार्थना करता हूँ । अमिन।

आज का वचन का आत्मचिंतन और प्रार्थना फिल वैर द्वारा लिखित है। [email protected] पर आप अपने प्रशन और टिपानिया ईमेल द्वारा भेज सकते है।

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