आज के वचन पर आत्मचिंतन...

"पकवान की पहचान उसके स्वाद में है।" पवित्र शाश्त्र की बुद्धि और समझ की पहचान उसको व्यहारिकता से जीने में है। केवल सत्य को जानना काफी नहीं है: बल्कि सत्य जीना सब कुछ हैं ।( मत्ती ७ से )

मेरी प्रार्थना...

हे प्रभु परमेश्वर, अपनी आत्मा से बल दे जब मेरी कोशिश न केवल ये है की "जो मैं प्रचार करता हूँ उसे जीऊ," पर यह भी की मैं आपकी इच्चाओ के प्रति आज्ञाकारिता दिखाऊं और आपके चरित्र में निरन्तर मेरे दैनिक जीवन जी सकू । अपने प्रभु येशु ख्रीस्त के नाम से प्रार्थना करता हूँ । अमिन।

आज का वचन का आत्मचिंतन और प्रार्थना फिल वैर द्वारा लिखित है। [email protected] पर आप अपने प्रशन और टिपानिया ईमेल द्वारा भेज सकते है।

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