आज के वचन पर आत्मचिंतन...

इन् वचनो के सन्दर्भ में, परमेश्वर अपने लोगो को याद दिला रहे है की वे उनके लिए बहुमूल्य है। उसने उन्हें रचा है और छुड़ाया भी है । वह उन्हें त्यागेगा नहीं । चाहे वे किसी भी प्रकार की परेशानी या तकलीफों का सामना करे, वह उनके साथ होंगे की उनको छुड़ाए और सुरक्षा और विजय दिलाये । हम भी इसी वाचा को मान सकते है: हमारे पास भी इतिहास का प्रमाण है की परमेश्वर विश्वासयोग्य है । हम देख सकते है की कैसे परमेश्वर ने अपने लोगों को बचाके रखा और उन्हें अपने शत्रुओं के बंधनों से समय समय पर छुड़ाया। परमेश्वर अपने बच्चो को नहीं भूलेंगे! हम यह वाचा से जानते है। हम यह इतिहास से जानते है । हम यह विश्वास से जानते है !

मेरी प्रार्थना...

धन्यवाद सर्वशक्तिमान परमेश्वर, हमेशा करीब रहने के लिए । हाँ मैं जनता हूँ की कई बार मैं आपकी नजदीकी से या मेरे कार्यों के प्रति आपके उपयोनों से या इतिहास में आपके आश्चर्यों के कामों से अनजान होता हूँ। फिर भी, मैं विश्वास करता हूँ प्रिय पिता की आप मेरे करीब हैं तब भी जब मैं अकेला महसूस करता हूँ और जब आपकी उपस्तिथि काफी दूर महसूस होती है । ऐसे क्षणों में प्रिय पिता, मुझे आत्मबल और अटलता दे की मैं परीक्षाओं में स्थिर खड़ा रह सकू और आपके साथ आपकी विजय क्षणो में भाग ले सकू । येशु के नाम से। अमिन।

आज का वचन का आत्मचिंतन और प्रार्थना फिल वैर द्वारा लिखित है। [email protected] पर आप अपने प्रशन और टिपानिया ईमेल द्वारा भेज सकते है।

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