आज के वचन पर आत्मचिंतन...

क्या आपका विश्वास परीक्षा के समय में मजबूत रह सकता है? मैं आशा करता हूँ की मेरा रह सकता है!यह भजन, जो परीक्षा की घडी में लिखा गया है|जो भी हो, भजनसहिंताकार यह जनता की परमेश्वर कौन है और वह वो सब कुछ कर सकता है जिसे करने का उसने मन बनाया लिया हो चाहे परिस्थितियां कितनी भी कठिन क्यों न हो|यहां तक ​​कि परीक्षण में भी वह उस आराधना को नहीं खो देता है जो यहोवा की उपस्थिति से आता है।

मेरी प्रार्थना...

पिता, मेरे जीवन में आप अपनी उपस्तिथि को दिखाए|मैं इस बात से निश्चिन्त हूँ की आप वहां हैं, सिर्फ मुझे अपनी उपस्थिति का अनुभव और आपने छुटकारे को ग्रहण करने दे| येशु के नाम से प्रार्थना करता हूँ| आमीन!

आज का वचन का आत्मचिंतन और प्रार्थना फिल वैर द्वारा लिखित है। [email protected] पर आप अपने प्रशन और टिपानिया ईमेल द्वारा भेज सकते है।

टिप्पणियाँ