आज के वचन पर आत्मचिंतन...

हम किसी के हैं! पौलुस यही बात हमसे कह रहे हैं| हम कोई बाहरी या द्वितीय श्रेणी के नागरिक नहीं हैं या "जॉनी बाद में आया" हम परमेश्वर के बच्चें हैं| और अनुग्रह के कारन हम उसके हैं! हम उसके घराने का हिस्सा हैं! और प्रेरितों और भविष्यद्वक्ताओं की नेव पर जिसके कोने का पत्थर मसीह यीशु आप ही है| अतुलनीय रूप से हम भी परमेश्वर के उस पवित्र घराने का हिस्सा बन गए हैं| हम उसके हैं|

मेरी प्रार्थना...

एल सददाइ, पर्वतो के परमेश्वर और सर्वशक्तिमान प्रभु परमेश्वर, वाचा किया गया इजराइल का परमेश्वर, युगों- युगों से आपके कभी न बदलने वाले प्रेम ने अपने लोगो को वायदों से, अनुग्रह से, और अच्छे भविष्य के रूप में आशीष दिया है|अनुग्रह से येशु में विश्वास के के द्वारा अपने अपने लोगो में लेकर आये उसके लिए आपका धन्यवाद्| अपने घराने का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनाने के लिए आपका धन्यवाद| मुझे क्षमा करें जब मैंने अपनी महत्वपूर्णता पर संदेह किया, और मुझे जागृत किया इस एहसास के लिए कि मैं आपका हूँ, आपके लोगो का हूँ,और आपके घराने का हूँ| येशु के नाम से मांगता हूँ| आमीन|

आज का वचन का आत्मचिंतन और प्रार्थना फिल वैर द्वारा लिखित है। [email protected] पर आप अपने प्रशन और टिपानिया ईमेल द्वारा भेज सकते है।

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