आज के वचन पर आत्मचिंतन...

जब हम मसीही बने, हम न केवल पवित्र आत्मा से शुद्ध हुए, बरन हम पवित्र आत्मा से परिपूर्ण भर गए| युहन्ना इसे हमारे अभिषेक के रूप में बोलता है। आत्मा हमें यीशु के बारे में सच्चाई सुनने में मदद करती है और हमें वह सच्चाई झूठे शिक्षण के समक्ष आत्मसमर्पण करने से रोकता है जो कि यीशु की पहचान को घटाता है — यीशु, परमेश्वर हमारे साथ और हमारे जैसा है और हम जब इन अविश्वसनीय सत्यों को पकडे रहते हैं तो हम यीशु में बने रहते हैं।

मेरी प्रार्थना...

पवित्र और धर्मी पिता, मुझे बचाने के हेतु यीशु को भेजने के लिए धन्यवाद। हो सकता है मैंने कभी भी समर्पण नहीं किया हो उन सभी आश्चर्यों या मेरी गहरी भावनाओं कि , जिसका कारण सिर्फ येशु था और होगा| मुझे अपना आत्मा भेजने के लिए धन्यवाद, मुझे अपने बेटे और मेरे उद्धारकर्ता के बारे में सच्चाई की रक्षा में मदद करने के लिए, जिनके नाम में मैं प्रार्थना करता हूं और धन्यवाद देता हूं।आमीन।

आज का वचन का आत्मचिंतन और प्रार्थना फिल वैर द्वारा लिखित है। [email protected] पर आप अपने प्रशन और टिपानिया ईमेल द्वारा भेज सकते है।

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