आज के वचन पर आत्मचिंतन...

आपका हीरो कौन है? मैं संडे स्कूल का उत्तर नहीं माँग रहा हूँ; मैं चाहता हूं कि आप अंदर देखें. वह व्यक्ति कौन है जिसकी आप सबसे अधिक सक्रियता से प्रशंसा करते हैं? क्या यह यीशु है? आइए स्वीकार करें कि "यीशु पर अपनी नजरें टिकाना" कठिन है क्योंकि वह यहां नहीं हैं जहां हम उन्हें अपने अन्य पृथ्वीवासी नायकों की तरह देख सकें। हालाँकि, यीशु परम साहसी, पथप्रदर्शक और श्रेष्ठ नायक (सुपरहीरो) हैं। उन्होंने हमारे सारे पापों को दूर करते हुए क्रूस के भयानक दंड और शर्म का सामना किया! उसने ऐसा इसलिए किया ताकि हमें एक ऐसा नायक मिल सके जिसे मृत्यु और पाप नष्ट न कर सकें, ख़राब न कर सकें या कलंकित न कर सकें। उन्होंने ऐसा इसलिए किया ताकि हम आश्वस्त हो सकें कि अगर हम उनके नक्शेकदम पर चलते हैं, तो उन्होंने जो मार्ग प्रशस्त किया वह सिर्फ उनके लिए नहीं बल्कि हम सभी के लिए है जो उनका अनुसरण करते हैं!

मेरी प्रार्थना...

पवित्र परमेश्वर, जब मैं झूठ के पीछे जाऊँ तो मुझे माफ़ करें और मेरे ध्यान को मेरे एकमात्र हीरो यीशु की और फेर दें। मैं उनका महिमा करना और उनकी सेवा करना चाहता हूं, उनके जीवन को मुझमें जीवित करना चाहता हूं ताकि अन्य लोग यीशु को अपने परमेश्वर के रूप में रखने के आत्मविश्वास को जान सकें। शब्दों से मैं मेरे प्रभु के प्रति उनके बलिदान और मेरे पापों के लिए चुकाई गई अद्धभुत कीमत के प्रति मेरी कृतज्ञता व्यक्त नहीं की जा सकती। न ही उनकी शानदार जीत पर मेरी खुशी को शब्दों में व्यक्त किया जा सकता है, जो यह आश्वासन देती है कि मैं एक दिन हमेशा आपके साथ रहूंगा! यह उस यीशु ख्रीष्ट के नाम से मैं प्रार्थना करता हुँ। आमीन।

आज का वचन का आत्मचिंतन और प्रार्थना फिल वैर द्वारा लिखित है। [email protected] पर आप अपने प्रशन और टिपानिया ईमेल द्वारा भेज सकते है।

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