आज के वचन पर आत्मचिंतन...

संसार तक अनुग्रह से पहुंचने की परमेश्वर के पास एक योजना है । हम जहाँ है वही से शुरवात करते है और जो हमारे करीब है उन तक पहुंचे । और फिर हम जो हमारे क्षेत्र में है उनको येशु की कहानियां सुनाये । फिर बहार पहुंचे और सुसमाचार संसार भर में ले जायें । जब हम अपने आप को इस्तेमाल होने के लिए सौपते है, हम यह भी भरोसा करते है की पवित्र आत्मा की समर्थ और उपस्तिथि हमारे साथ चलती है ।

मेरी प्रार्थना...

पिता, जो मेरे आस पास हो उन तक अनुग्रह से पहुंचने में मेरी इस्तेमाल कर । हमारी कालीसियां को आशीषित कर की हम येशु को हमारे क्षेत्र के लोगों से बाटते है । पिता , मैं यह भी आपसे मांगता हूँ की आप संसार भर में हमारे सुसमाचार कार्यों को आशीषित करे । कृपया आप हमे इस्तेमाल करे की हम सरे राष्ट्रों में येशु के सन्देश के साथ पहुंचने की आपकी योजना को पूरा कर सके, जिसके नाम से मैं प्रार्थना करता हूँ । आमीन।

आज का वचन का आत्मचिंतन और प्रार्थना फिल वैर द्वारा लिखित है। [email protected] पर आप अपने प्रशन और टिपानिया ईमेल द्वारा भेज सकते है।

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