आज के वचन पर आत्मचिंतन...

कई बार हम केवल उन्ही बातों में केंद्रित हो जाते है जो हमे पसंद होता है, जिसे करने में हम अच्छे होते है, या फिर जिसे पूरा करने में हमे रूचि होती है । परमेश्वर चाहता है की हम उसके आत्मिक हत्यारों में से हर एक हत्यारों का इस्तेमाल करे । वह चाहता है की हम अनुशाषित हो जाएँ और अपने आत्मिक कमजोरोयों के क्षेत्रों में और जो क्षेत्र में हमे अधिक उत्तेजक या रुचिदायक नहीं करते उनमे हम उन्नति करे। हमारा दुष्ट विरोधी धूर्त है और हमारे कमजोर और अतिसंवेदनशीलता के क्षेत्रों में हम पर आक्रमण करने की कोशिश करता है। तो हम ना केवल हमारे रूचि के और गुणों के क्षेत्रों में सतत समर्पित रहे, बल्कि विशेष तौर पर उन क्षेत्रों में जिनमे हमे रूचि और गुणवंत नहीं है ।

मेरी प्रार्थना...

पिता, जिन क्षेत्रों में मैं पाप के प्रति अधिक संवेंदनशील और अलसी हूँ मुझे शक्ति दीजिये । मेरी आँखों को खोलियें की मैं मेरे कमजोर क्षेत्रों को देख सकू । मेरे हृदय को फिरसे जलायें की मैं जोशपूर्णता से आपकी पवित्रता को खोजू। येशु के नाम से प्रार्थना करता हूँ । आमीन।

आज का वचन का आत्मचिंतन और प्रार्थना फिल वैर द्वारा लिखित है। [email protected] पर आप अपने प्रशन और टिपानिया ईमेल द्वारा भेज सकते है।

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