जनवरी 2017 पिछले भक्ति पठन

31. 01 2017 - भजन संहिता ८४:११

क्योंकि यहोवा परमेश्वर सूर्य और ढाल है; यहोवा अनुग्रह करेगा, और महिमा देगा; और जो लोग खरी चाल चलते हैं; उन से वह कोई अच्छा पदार्थ रख न छोड़ेगा।

30. 01 2017 - नीतिवचन १९:२१

मनुष्य के मन में बहुत सी कल्पनाएं होती हैं, परन्तु जो युक्ति यहोवा करता है, वही स्थिर रहती है।

29. 01 2017 - भजन संहिता २२:५

उन्होंने तेरी दोहाई दी और तू ने उन को छुड़ाया वे तुझी पर भरोसा रखते थे और कभी लज्जित न हुए॥

28. 01 2017 - भजन संहिता १:४

दुष्ट लोग ऐसे नहीं होते, वे उस भूसी के समान होते हैं, जो पवन से उड़ाई जाती है।

27. 01 2017 - भजन संहिता १:३

वह उस वृक्ष के समान है, जो बहती नालियों के किनारे लगाया गया है। और अपनी ऋतु में फलता है, और जिसके पत्ते कभी मुरझाते नहीं। इसलिये जो कुछ वह पुरूष करे वह सफल होता है॥

26. 01 2017 - भजन संहिता १:२

परन्तु वह तो यहोवा की व्यवस्था से प्रसन्न रहता; और उसकी व्यवस्था पर रात दिन ध्यान करता रहता है।

25. 01 2017 - भजन संहिता १:१

क्या ही धन्य है वह पुरूष जो दुष्टों की युक्ति पर नहीं चलता, और न पापियों के मार्ग में खड़ा होता; और न ठट्ठा करने वालों की मण्डली में बैठता है!

24. 01 2017 - भजन संहिता २९:२

यहोवा के नाम की महिमा करो; पवित्रता से शोभायमान होकर यहोवा को दण्डवत् करो।

23. 01 2017 - २ कुरिन्थियों १२:९

और उस ने मुझ से कहा, मेरा अनुग्रह तेरे लिये बहुत है; क्योंकि मेरी सामर्थ निर्बलता में सिद्ध होती है; इसलिये मैं बड़े आनन्द से अपनी निर्बलताओं पर घमण्ड करूंगा, कि मसीह की सामर्थ मुझ पर छाया करती रहे।

22. 01 2017 - रोमियो ५:९-१०

सो जब कि हम, अब उसके लोहू के कारण धर्मी ठहरे, तो उसके द्वारा क्रोध से क्यों न बचेंगे?क्योंकि बैरी होने की दशा में तो उसके पुत्र की मृत्यु के द्वारा हमारा मेल परमेश्वर के साथ हुआ फिर मेल हो जाने पर उसके जीवन के कारण हम उद्धार क्यों न पाएंगे?

21. 01 2017 - रोमियो ५:८

परन्तु परमेश्वर हम पर अपने प्रेम की भलाई इस रीति से प्रगट करता है, कि जब हम पापी ही थे तभी मसीह हमारे लिये मरा।

20. 01 2017 - रोमियों ५:६-७

क्योंकि जब हम निर्बल ही थे,तो मसीह ओठीक समय पर भक्तिहीनों के लिए मारा.किसी धर्मी जन के लिए कोई मरे, यह तो दुर्लभ है;परन्तु हो सकता है किसी भले मनुष्य के लिए कोई मरने का भी साहस करे!

19. 01 2017 - रोमियो ५:५

और आशा से लज्ज़ा नहीं होती, क्योंकि पवित्र आत्मा जो हमें दिया गया है उसके द्वारा परमेश्वर का प्रेम हमारे मन में डाला गया है।

18. 01 2017 - रोमियों ५:३-४

केवल येही नहीं, वरन् हम क्लेशों में भी घमण्ड करें, यह जान कर की क्लेश से धीरज , और धीरज से खरा निकलना, और खरे निकलने से आशा उत्पन्न होती है.

17. 01 2017 - रोमियो ५:१-२

सो जब हम विश्वास से धर्मी ठहरे, तो अपने प्रभु यीशु मसीह के द्वारा परमेश्वर के साथ मेल रखें।जिस के द्वारा विश्वास के कारण उस अनुग्रह तक, जिस में हम बने हैं, हमारी पहुंच भी हुई, और परमेश्वर की महिमा की आशा पर घमण्ड करें।

16. 01 2017 - नीतिवचन १०:११

धर्मी का मुँँह तो जीवन का सोता है, परन्तु उपद्रव दुष्टों का मुँँह छा लेता है!

15. 01 2017 - भजन संहिता १००:५

क्योंकि यहोवा भला है, उसकी करूणा सदा के लिये, और उसकी सच्चाई पीढ़ी से पीढ़ी तक बनी रहती है!

14. 01 2017 - भजन संहिता १००:४

उसके फाटकों से धन्यवाद, और उसके आँगनों मैं स्तुती करते हुए प्रवेश करो,उसका धन्यवाद करो, और उसके नाम को धन्य कहो!

13. 01 2017 - भजन संहिता १००:३

निश्चय जानो, कि यहोवा ही परमेश्वर है। उसी ने हम को बनाया, और हम उसी के हैं; हम उसकी प्रजा, और उसकी चराई की भेड़ें हैं!

12. 01 2017 - भजन संहिता १००:२

आनन्द से येहोवा की आराधना करो! जयजयकार के साथ उसके सम्मुख आओ!

11. 01 2017 - भजन संहिता १००:१

हे सारी पृथ्वी के लोगों यहोवा का जयजयकार करो!

10. 01 2017 - नीतिवचन १६:९

मनुष्य मन में अपने मार्ग पर विचार करता है, परन्तु येहोवा ही उसके पैरों को स्थिर करता है!

9. 01 2017 - यशायाह २:२२

सो तुम मनुष्य से परे रहो जिसकी श्वास उसके नथनों में है, क्योंकि उसका मूल्य है ही क्या?

8. 01 2017 - विलापगीत ३:२५

जो येहोवा की बाट जोहते और उसके पास जाते हैं, उनके लिये येहोवा भला है!

7. 01 2017 - विलापगीत ३:२२-२३

हम मिट नहीं गए; यह यहोवा की महाकरुणा का फल है, क्योंकि उसकी दया अमर है। प्रति भोर वह नई होती रहती है; तेरी सच्चाई महान है।

6. 01 2017 - भजन संहिता १०४:३३-३४

मैं जीवन भर येहोवा का गीत गाता रहूँगा;जब तक मैं बना रहूँगा ताब तक अपने परमेश्वर का भजन गता रहूँगा!मेरा ध्यान करना उसको प्रिय लगे, क्योंकि मैं तो येहोवा के कारण आनन्दित रहूँगा!

5. 01 2017 - यशाया २६ :९

रात के समय मैं जी से तरी लालसा करता हूं, मेरा सम्पूर्ण मन से यत्न के साथ तुझे ढूंढ़ता है

4. 01 2017 - इफिसियों ४:२४

और नये मनुष्यत्व को पहिन लो, जो परमेश्वर के अनुसार सत्य की धामिर्कता, और पवित्रता में सृजा गया है।

3. 01 2017 - इफिसियों ४:२३

...और अपने मन के आत्मिक स्वभाव में नये बनते जाओ।

2. 01 2017 - इफिसियों ४:२२

कि तुम अगले चालचलन के पुराने मनुष्यत्व को जो भरमाने वाली अभिलाषाओं के अनुसार भ्रष्ट होता जाता है, उतार डालो।

1. 01 2017 - नीतिवचन २१ :३०

यहोवा के विरूद्ध न तो कुछ बुद्धि, और न कुछ समझ, न कोई युक्ति चलती है।