आज के वचन पर आत्मचिंतन...

परमेश्वर अपनी भलाईयों को रोक कर नहीं रखता ! यह तक की, पिता को अपने बच्चो को भेट देना पसंद है।यह तोफे शामिल है। यह तोफे ख़ुशी से दिए गए है। मुझे कैसे मालूम ? तीन तरीके : १) मैं बार बार आशीषित हुआ हूँ; २) सदियों से परमेश्वर ने अपने लोगो को आशीष देने के लिए जो किया है मैंने देखा है; और ३) उसके वचनों में एसे ही होगा यह वादा है।

मेरी प्रार्थना...

पिता, आपने जो इतनी सारी आशिषे मेरे जीवन में उंडेली है उनके लिए मैं आपका धन्यवाद् करता हूँ। आज मैं सूचि बना कर इन मे से कई नाम लिखना चाहता हूँ ( जिन बातो के लिए आप धन्यवादी है अपनी सूचि बनाये।) पिता सर्वाधिक आपको धन्यवाद, यीशु आपके पुत्र और मेरे उधारकर्ता को तोफे के रूप में देने के लिए । उसी के नामसे प्रार्थना करता हूँ। अमिन ।

आज का वचन का आत्मचिंतन और प्रार्थना फिल वैर द्वारा लिखित है। [email protected] पर आप अपने प्रशन और टिपानिया ईमेल द्वारा भेज सकते है।

टिप्पणियाँ