आज के वचन पर आत्मचिंतन...

हमेशा प्रेम करना —काफी बड़ा कार्य और काफी बड़ी बात। केवल परमेश्वर हे हमेशा कर सकते हैं । परन्तु मसीहो को पवित्र आत्मा द्वारा हमेशा प्रेम करने की ऊर्जा मिलती हैं! कहीं पर, पौलुस कहता हैं " परमेश्वर का प्रेम हमारे दिलों में उंडेला गया हैं पवित्र आत्मा के द्वारा जो हमे सौंपा गया हैं।" (रोमियों ५:५) बेशक यह प्रेम हमेशा का हैं —यह परमेश्वर का प्रेम हैं , येशु के बलिदान के द्वारा प्रदर्शित और पवित्र आत्मा द्वारा पहुंचाया गया!

मेरी प्रार्थना...

ऊँचे में मधुर और महिमामय परमेश्वर, मैं खुदको आपके सामने नम्र करता हूँ अपने प्रेम करने के बंधनरहित सामर्थ को पहचान, जो मेरे आस पास के लोगों के जीवनों में प्रेम की जबरदस्त जरुरत हैं और मेरे प्रेम करने की सिमित योग्यताय हैं । कृपया अपनी पवित्र आत्मा मेरे ह्रदय में उंडेल और मुझे हमेशा प्रेम करनेवाली सामर्थ से भर दे। येशु के मीठे नाम में प्रार्थना करता हूँ । आमीन।

आज का वचन का आत्मचिंतन और प्रार्थना फिल वैर द्वारा लिखित है। [email protected] पर आप अपने प्रशन और टिपानिया ईमेल द्वारा भेज सकते है।

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