आज के वचन पर आत्मचिंतन...

परमेश्वर जब कि न्याय अपने लोगों की सजा की मांग उसका न्याय से काम करने के लिए धीमी है।'अनुग्रह और क्रोध के लिए धीमी गति' एक मुहावरा बार बार पुराने नियम में परमेश्वर का वर्णन करने के लिए प्रयोग किया जाता है।परमेश्वर अनुग्रहकरी बनना चाहता है और अपने लोगों को आशीष देन चाहता है.।हमें पश्चाताप होने और उसके पास मोड़ कर अनेकेलिए समय को फैलता है।यीशु में, परमेश्वर भी हमें अपने ही पुत्र को हमारे पापों के लिए प्रायश्चित के रूप में देता है।परमेश्वर के दिल सुनते हैं, और हमारे जीवन और दिल को जो परमेश्वर हमारे लिए चाहता है, हमारे जीवन को मोड़ कर जवाब दे।

मेरी प्रार्थना...

सर्वशक्तिमान परमेश्वर और अब्बा पिता, कैसे मैं कभी भी अपने प्यार और दया मेरे पाप के लिए अपने पुत्र के बलिदान में प्रदर्शन के लिए शुक्रिया अदा कर सकते हैं। कृपया मुझे उन बार है कि मैं जानबूझकर नहीं और तहे दिल से जिस तरह से मैं अपने जीवन जीने में अपने अनुग्रह के लिए मेरी प्रशंसा से पता चला है के लिए माफ कर दीजिए।कृपया मुझे अपनी आत्मा बस के रूप में आप मुझे माफ कर दिजिए और मुझे अपनी अनुग्रह से शुद्ध किजिए।यीशु के नाम से प्रार्थना करता हूँ.अमिन.

आज का वचन का आत्मचिंतन और प्रार्थना फिल वैर द्वारा लिखित है। [email protected] पर आप अपने प्रशन और टिपानिया ईमेल द्वारा भेज सकते है।

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