आज के वचन पर आत्मचिंतन...

हम कौन हैं, और हमारे जीवन से हमारा क्या बनेगा और क्या महत्वपूर्ण कमाएंगें यह सब परमेश्वर के हांथों में हैं। हम उसकी आशीषों के बगैर अपने लिए टिकने वाला आदर नहीं पा सकते हैं। उसके आशीष और सुरक्षा के बिना हम भविषय को सुरक्षित और हमारी सुरक्षा नहीं पा सकते हैं । हरेक उपलभ्दीयों का और महिमा का नीव इस बात पर निर्भर हैं की हम अपने इच्छा से अपना जीवन उसके देखभाल में सौप दे।

Thoughts on Today's Verse...

Who we are, what becomes of us in life, and what we accomplish of significance are all in God's hands. We cannot achieve lasting honor for ourselves without his blessing. We cannot secure our future or our safety without his protection and blessing. The basis of all achievement and glory is dependent upon our willingly placing our lives in his care.

मेरी प्रार्थना...

हे चट्टान, मेरे जीवन के गढ़,मैं अपने आपको आपकी देखभाल में देता हूँ । मेरे भविष्य का नियंत्रण अपने हाथों में लीजिये और अपनी महिमा के लिए मुझे इस्तेमाल कीजिये। आपमें ही मैं शरण लेता हूँ और आपकी सामर्थ पर निर्भर होता हूँ की मेरा दिन लाभदायक हो। येशु के बहुमूल्य नाम से प्रार्थना करता हूँ। अमिन।

My Prayer...

O Rock, Fortress of my life, I place myself in your care. Take charge of my future and use me for your glory. In you I take refuge and on your strength I rely to make my days worthwhile. In the precious name of Jesus I pray. Amen.

आज का वचन का आत्मचिंतन और प्रार्थना फिल वैर द्वारा लिखित है। [email protected] पर आप अपने प्रशन और टिपानिया ईमेल द्वारा भेज सकते है।

Today's Verse Illustrated


Inspirational illustration of भजनसंहिता ६२:७

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