आज के वचन पर आत्मचिंतन...

हमारे जीवन में हर एक व्यक्ती का अंतिम प्रशन बस यही है:क्या है वो जिसके लिये हम जी सकते है,जो मारने से भी ज्यादा मुल्य है? पौलूस का जवाब है 'हां!'मसीह ही जवाब है',और कारण,और आशा है।अब अगर हमारी प्रतिबद्धता के साथ हमारी इच्छा और दिल मिल सकते है,तब हम निवेदन भी कर सकते हैं!

मेरी प्रार्थना...

हे प्रभू,कृपया मुझे क्षमा किजीये उन सारे चीजो के लिये जो मैने किया होगा या मैने कहा होगा,जिसके वजह से मेरे अंदर परमेश्वर का काम कठीन हुआ होगा.जैसे कि आप मुझे इस धरती पर जीवन देते हैं मैं अपने जीवन में यीशु के पास एक जीवित गवाही और उसमें शक्तिशाली अनुग्रही होना चाहता हूँ.में उस दिन का इंतिजार कर रहा हुँ हे प्रिय पिता , जब यीशु मसिह जीत कर आयेंगे और मुझे आपके घर ले जायेंगे. उस दिन तक, कृपया मुझे आपकी सेवा मे उपयोग किजीये. मैं आपका आभारी हूं मुझे आगे कुछ परवाह नही, मुझे पता है कि मेरा भविष्य आपके पुत्र उद्धार करता से जुडा हुआ है. यीशु के नाम से प्रार्थना मंगता हूँ. अमीन.

आज का वचन का आत्मचिंतन और प्रार्थना फिल वैर द्वारा लिखित है। [email protected] पर आप अपने प्रशन और टिपानिया ईमेल द्वारा भेज सकते है।

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