आज के वचन पर आत्मचिंतन...

जब सब पेचीदा लग रहा हो , हम इस बात पर आश्वासन रख सकते है की छाए हम सबकुछ न समझ पाए इस पृथ्वी पर ( देखे ७३:१-२२ ) परमेश्वर विश्वासयोग्य है। सब कुछ जो हमारे पास है और जो हम जानते है इस पृथ्वी पर सब नाशवान है , लेकिन हमारा सम्बन्ध प्रभु के साथ सदा के लिए हमारी सामर्थ है । वह न ही हमे त्यागेगा , निराश करेगा और न ही कभी भूलेगा ।

मेरी प्रार्थना...

सर्वसमर्थी परमेश्वर , मेरे साथ सदैव रहने के लिए धन्यवाद् विशेषकर तब जब जीवन बहुत गड़बड़ होता है और डर अधिक सताता है । कृपया मुझे ईमानदारी से सवाल करने के लिए ना केवल विश्वास दे बल्कि आप पर भरोसा रख सकू तब भी जब वस्तुस्तिथि भली नहीं दिख पडती उनके लिए जो आप पर विश्वास करते है । कृपया मेरे विश्वास को स्थिर धरे रहने में मद्दत कर की जब मै तेरे लोगो द्वारा तेरी महान समर्थन की बाट जोहता हूँ । येशु के नाम से प्रार्थना करता हूँ । अमिन ।

आज का वचन का आत्मचिंतन और प्रार्थना फिल वैर द्वारा लिखित है। [email protected] पर आप अपने प्रशन और टिपानिया ईमेल द्वारा भेज सकते है।

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