आज के वचन पर आत्मचिंतन...

जब हलचल छट जाती है तब आपकी असल आशा क्या होती है ? जब आप अपने पदविया, पुरस्कार ,उपाधिया और सम्मान बाजु करदे, तो आपके महत्व का आधार क्या है ? केवल एक स्रोत आशा की और एक ही स्रोत महत्व के आधार के भोरोसेयोग्य है । केवल एक — हमारा प्रभु परमेश्वर — सर्वदा के लिए है ! केवल हमारे स्वर्गीय पिता ही निष्चिता दे सकते है की हमारा जीवन महत्वपूर्ण है। तो आओ हम अपनी आशा अपने प्रभु पर रखे और उसे अपना शरणस्थान बनाए ।

मेरी प्रार्थना...

हे प्रभु, परमेश्वर और हमारे पितरो के छुड़ानेवाले, हमारे वाचाओं को पूराकरनेवाले , धन्यवाद् कि मैं अपनी आशा, अपना भविष्य और महत्व आपके हाथों में रख सका। मुझेहियावूर आत्मविश्वास दे की मैं जान सकू की आप मुझे कभी भी शर्मिंदा नहीं करोगे, पर उस दिन जब मैं आपकी उपस्तिथि में खड़ा रहूँगा आप अपनी धार्मिकता मुझसे बाटोगे। येशु के नाम सेप्रार्थना करता हूँ । अमिन ।

आज का वचन का आत्मचिंतन और प्रार्थना फिल वैर द्वारा लिखित है। [email protected] पर आप अपने प्रशन और टिपानिया ईमेल द्वारा भेज सकते है।

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