आज के वचन पर आत्मचिंतन...

यह वायदा वे जो कलवरी और खाली कब्र के इस तरफ़ है उनके लिए भी उतना ही सत्य है, जैसे पौलुस कहता है, कि "हमारी नागरिकता स्वर्ग में है, और हम एक उद्धारकर्ता प्रभु यीशु मसीह के वहाँ से आने की बाट जोह रहे हैं | वह अपनी शक्ति के उस प्रभाव के अनुसार जिस के द्वारा वह सब वस्तुओं को अपने बस में कर सकता है, हमारी दिन - हिन देह का रूप बदलकर, अपनी महिमा की देह के अनुकूल बना देगा | ( फिलि.:3:20-21 ) धर्मी कभी भी अपने वास्तविक मातृभूमि से हटाए नहीं जा सकते क्योंकि कोई भी सामर्थ न चुरा सकता है, न भ्रष्ट कार सकता है, और न नाश कर सकता है, और न ही उनसे छिन सकता है |

मेरी प्रार्थना...

धन्यवाद पिता जो आपने यीशु के बलिदान के द्वारा मुझे धर्मी ठहराया | कृपया मुझे दिन प्रतिदिन परिवर्तित कर की मै जो बोलता हु, करता हु, उसमे धर्मी बनते जाऊ | यीशु के नाम से मई प्रार्थना करता हु, आमीन !

आज का वचन का आत्मचिंतन और प्रार्थना फिल वैर द्वारा लिखित है। [email protected] पर आप अपने प्रशन और टिपानिया ईमेल द्वारा भेज सकते है।

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