आज के वचन पर आत्मचिंतन...

जबकि उसके कहने से जहान अस्तित्व में आया और जबकि परमेश्वर हमारा नाम जनता है और हमारे सिर के बल भी गिने हुए है ..... निश्चय ही हम जानते है की हम उसके पास जा सकते है जब हमे मद्दत चाहिए हो। आइये हम अपनी आंखें और हृदय को उस अल-शहदायी पर लगाए, पहाड़ो का प्रभु परमेश्वर , यह जानले की सर्वसामर्थी हमारी जरूरते देखता है, हमारी बिनतीयो को सुनता है और हमारे हृदय के विषय में परवा करता है ।

मेरी प्रार्थना...

पवित्र और सर्व-शक्तिमान अब्बा पिता, मई मद्दत के लिए आपकी ओर देखता हूँ । मेरे जीवन में आप एक मात्र स्रोत हो छुटकारे, सामर्थ , शक्ति , आराम , उत्साह, आशा और सिद्धता के । कृपया मुझे बढ़ी दे की मई आपकी इच्छा जान सकू और आपकी इच्छा अपने के लिए चुन सकू । आपका धन्यवाद् की आप अपने लोगो के साथ और मेरे जीवन में मेरे साथ विश्वासयोग्य बने रहे पिछले बाईट वर्षो में । येशु के नामसे । अमिन ।

आज का वचन का आत्मचिंतन और प्रार्थना फिल वैर द्वारा लिखित है। [email protected] पर आप अपने प्रशन और टिपानिया ईमेल द्वारा भेज सकते है।

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