आज के वचन पर आत्मचिंतन...

परमेश्वर ....निकट!....प्रस्तुत !.....और करीब है! मैं कैसे जनता हूँ ? वह चरनी में करीब आया । सेवकाई में वह हमारे बिच चला। हमारे साथ और हमारे लिए उसने कलवारी दुःख सहा । हम जानते है की त्रासदी, परीक्षा, दिल टूटने पर, और टुटेपन में वह हमारे निकट होता है हमे बचाने के लिए। तो, क्या हमारे हृदय उसके के लिए खुले होंगे और क्या हम उसके निकट आने के लिए उसकी खोज करेंगे ? समस्याओं को और मनोव्यथा को कभी भी तुम्हे प्रभावित ना करने दो की तुम परमेश्वर से दूर जाओं या उसकी निकटता पर शक करो । उसे अपने करीब आने दो ।

Thoughts on Today's Verse...

The Lord is... ...near! ...present! ...close! How do I know? He came close in the manger. He walked among us in ministry. He suffered with us and for us at Calvary. We know that in tragedy, trial, heartbreak, and brokenness he is near to us to save us. So, will our hearts be open to him and will we be seeking him to come near? Don't let troubles or heartache lead you to pull away from God or doubt his nearness. Let him draw close to you.

मेरी प्रार्थना...

हे परमेश्वर, कृपया आज मेरे करीब रहो। अपनी उपस्तिथि को मेरे जीवन में ज्ञात काराओं। पिता मैं यह भी मांगता हूँ की आप उनको आशीषित करे जिन्हे मैं जनता हूँ और जो अपने विश्वास में संघर्ष कर रहे है और टूटे और निराश हृदये के साथ है। कृपया उनके जीवनो में सक्रिय हो जाओ और अपनी उपस्तिथी को उनके जीवनों में ज्ञात कराईये। येशु के नाम से। आमीन।

My Prayer...

O Lord, please be near me today. Make your presence known in my life. Father, I also ask that you bless those I know who are struggling with their faith, and with broken and disappointed hearts. Please be active in their lives and make your presence known in their lives. In Jesus' name. Amen.

आज का वचन का आत्मचिंतन और प्रार्थना फिल वैर द्वारा लिखित है। [email protected] पर आप अपने प्रशन और टिपानिया ईमेल द्वारा भेज सकते है।

Today's Verse Illustrated


Inspirational illustration of भजनसंहिता ३४:१८

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