आज के वचन पर आत्मचिंतन...

परमेश्वर हमारे साथ हैं !यीशु की कहानी का यह महान सन्देश हैं (मत्ती १:२३)। यही आशा का सन्देश सपन्याह परमेश्वर के हरे हुए लोगों को देता हैं । परमेश्वर हमारे बिच हैं । वह उद्धार करने में पराक्रमी है। वह हमसे प्रेम करता हैं । वह हुमारे कारण आनन्द से मगन होगा। वह अपने प्रेमी छुअन से हमारे हृदय के तूफानों को शांत करता हैं। वह हमारे लिए आनंद की लोरी जाता हैं। परमेश्वर हमारे करीब रहने के लिए तरसता हैं और हमे करीब आनेके लिए आमंत्रित करता हैं । आपका जवाब क्या होंगा?

Thoughts on Today's Verse...

God is with us! That's the great message of the story of Jesus (Matthew 1:23). That's the message of hope Zephaniah gives the defeated people of God. God is among us. He is mighty to save. He loves us. He delights in us. He stills the storms of our hearts with his loving touch. He sings us lullabies of joy. God longs to be close to us and invites us to draw near. What will your response be?

मेरी प्रार्थना...

पिता मेरे समाधान को मजबूत कर की मैं बुराई से दूर हो रहा हूँ और आपके करीब आने की खोज में हूँ । मैं आपके साथ कोई नक़ल आधारित संबंधन नहीं चाहता। मैं आपका कोई बनावटी चिन्ह नहीं चाहता । अमिन आपको जानना चाहता हूँ । मैं आपकी उपस्तिथि का अनुभव लेना चाहता हूँ और दूसरों के जीवनों में आपका अनुग्रह का साधन बनकर इस्तेमाल होना चाहता हूँ । मुझे चाहिए की आपकी उपस्तिथि मेरे मन की अस्थिरता को स्थिर करे । करीब होने के लिए धन्यवाद् । यीशु के नाम से प्रार्थना करता हूँ । आमीन ।

My Prayer...

Father, strengthen my resolve as I turn away from evil and seek to draw near to you. I don't want any imitation relationship with you. I don't want some artificial symbol of you. I want to know you. I want to experience your presence and to be used as your tool of grace in the lives of others. I need your presence to settle the disquietude of my soul. Thank you for being near. In Jesus' name I pray. Amen.

आज का वचन का आत्मचिंतन और प्रार्थना फिल वैर द्वारा लिखित है। [email protected] पर आप अपने प्रशन और टिपानिया ईमेल द्वारा भेज सकते है।

Today's Verse Illustrated


Inspirational illustration of सपन्याह ३:१७

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