आज के वचन पर आत्मचिंतन...

परमेश्वर हमारा राहत देनेवाला सम्भालनेवाला और प्रभु है । सिर्फ उसकी अनुग्रहकारी उपस्तिथि और कोमल आशीषें ही हमे राहत और सांत्वना दे सकते है हमारे बेचैन और निराश मन को । तो आओ हम उसके पास पूरी ईमानदारी से अपने पाप और दुःख दोनों मानकर लौट जाये । आइये उससे मांगे की वह हमारी चिंतायें लेले और हमारे उद्धार के जोश, आनंद और आत्मविश्वास को पुनः सपित करे ।

मेरी प्रार्थना...

सर्वसमर्थी चरवाह, बहुत से विचारों के बोझ की आवाज़ों और भ्रम में, अपने पवित्र आत्मा से मेरी सेवकाई करे । मुझे आपके राहत और शांति जरुरत है । मैं आपकी उपस्तिथि और अनुग्रह की मांग करता हूँ । येशु के नाम से मांगता हूँ । आमीन ।

आज का वचन का आत्मचिंतन और प्रार्थना फिल वैर द्वारा लिखित है। [email protected] पर आप अपने प्रशन और टिपानिया ईमेल द्वारा भेज सकते है।

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