आज के वचन पर आत्मचिंतन...

आजकल की दुनिया शारीरिक संबंधों के मामले में बहुत ज्यादा खुली है| हर तरफ - इंटरनेट पर, फिल्मों में - अश्लील चीजें मौजूद हैं| आप इन चीजों का सामना कैसे कर रहे हैं? यीशु हमें सिखाते हैं कि पाप हमारे दिल से शुरू होता है| जब हम किसी ऐसी चीज को चाहते हैं जो हमारी नहीं है, तभी से पाप की शुरुआत हो जाती है| भले ही दुनिया ये सोचती हो कि अपने दिल को इतनी सख्ती से संभालना नामुमकिन है, यीशु ये बताना चाहते हैं कि वो शारीरिक संबंधों से जुड़े पापों को - और जहां से ये शुरू होते हैं, हमारे दिलों की गलत इच्छाओं को - बहुत गंभीरता से लेते हैं|

Thoughts on Today's Verse...

Living in a sexually supercharged world and facing the prevalence of pornography on the Internet and in today's media, how are you doing with this issue? Jesus challenges us to recognize that sin starts in our hearts and begins when we longingly seek what is not ours to have. While the world may think such rigorous guarding of our hearts as impossible or ridiculous, Jesus wants us to know he takes sexual sin — and the place it begins, the lust of our hearts — seriously.

मेरी प्रार्थना...

प्यारे पिता, मुझे यौन प्रलोभन का विरोध करने की शक्ति, इससे दूर रहने की बुद्धि और इस पर विजय पाने के लिए चरित्र प्रदान करें। हे परमेश्वर, मेरे हृदय को शुद्ध करें, और उसे पवित्र और जीवनदायी चीज़ों के लिए उत्सुक करें। यीशु के पराक्रमी नाम में, मैं प्रार्थना करता हूँ| आमीन।

My Prayer...

Loving Father, give me the strength to resist sexual temptation, the wisdom to stay away from it, and the character to triumph over it. Purify my heart, O God, and make it yearn for what is holy and life-giving. In the mighty name of Jesus, I pray. Amen.

आज का वचन का आत्मचिंतन और प्रार्थना फिल वैर द्वारा लिखित है। [email protected] पर आप अपने प्रशन और टिपानिया ईमेल द्वारा भेज सकते है।

Today's Verse Illustrated


Inspirational illustration of मत्ती 5:28

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