आज के वचन पर आत्मचिंतन...

यह संदेश उन लोगों के लिए नहीं है जो पहले से ही बहुत अमीर हैं। नहीं, यह हम सभी के लिए है जो धनवान बनना चाहते हैं। धन की लालसा करना और उसे पाने की दौड़ में लगना हमें कई खतरों में डाल सकता है। आज की दुनिया विज्ञापनों और सोशल मीडिया से भरी है जो हमें हर वो चीज़ चाहिए करा देती हैं जो हम देखते हैं। लेकिन हमें ये याद रखना है कि "तू लालच न करना..." ये अभी भी परम्मेश्वर की दस आज्ञा में से एक है। यीशु ने भी हमें एक सकारात्मक बात बताई जो लालच से बचाती है: "पहले परमेश्वर के राज्य और उसकी धार्मिकता की खोज करो, तो ये सब चीजें तुम्हें मिल जाएंगी" (मत्ती 6:33)।

मेरी प्रार्थना...

प्यारे पिता, आपके अनगिनत आशीर्वादों के लिए मैं आपका धन्यवाद करता/करती हूँ। आपने जो आशीर्वाद मुझे पहले ही दिए हैं, उनके लिए संतुष्ट और दूसरों के साथ उदार बनने में मेरी मदद करें। कृपया मेरा ध्यान आप पर और आपके पुत्र पर बनाए रखने में मेरी सहायता करें और मुझे दूसरों तक आपके आशीर्वाद पहुँचाने का माध्यम बनाएँ! मैं आपके पुत्र और मेरे उद्धारकर्ता, यीशु के नाम में प्रार्थना करता/करती हूँ। आमीन।

आज का वचन का आत्मचिंतन और प्रार्थना फिल वैर द्वारा लिखित है। [email protected] पर आप अपने प्रशन और टिपानिया ईमेल द्वारा भेज सकते है।

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