आज के वचन पर आत्मचिंतन...

परमेश्वर से प्रेम करो! परमेश्वर में अपनी आशा के कारण बलवान बनो। स्वीकार करो कि तुम्हारी शक्ति कहाँ है। अपने अनुग्रह के स्रोत को पहचानो। परमेश्वर की भरपूर दया और सामर्थ्य के लिए उसकी स्तुति करो जो उसकी पवित्र आत्मा के माध्यम से तुम पर उँडेला गया है। परमेश्वर अपने लोगों की रक्षा करता है। वह वफादारी का आदर करता है, भले ही इस दुनिया में उसका मज़ाक उड़ाया जाए। परमेश्वर अपने लोगों को आशीष देगा और उनका मज़ाक उड़ाने और दुर्व्यवहार करने वालों के साथ न्याय करेगा। लेकिन हम "दृढ़ और साहसी" हो सकते हैं क्योंकि हम "परमेश्वर पर आशा रखते हैं!"

मेरी प्रार्थना...

मुझे सामर्थ दे हे प्रभु, की परीक्षा के समय जब शत्रुओं के साथ और हर तरफ से बैरी हो, मैं खुद को खोज सकू । मुझे कृपया बुद्धि दे की मैं आपके अनुग्रह को देख सकू जो मुझे अगवाई करती हैं । जो कुछ सही, शुद्ध और पवित्र हो उसके प्रति मैं खड़ा रह सकू इस लिए कृपया मुझे हियाव दे । अपनी महिमा के लिए जिन कार्यों को करने के लिए आप मुझे इस्तेमाल करना चाहते है, कृपया उन्हें देखने की दृष्टी मुझे दीजिये । जबकि मैं इंतजार करता हूँ की आपका कार्य मेरे जीवन में पूर्ण हो कृपया मेरी आशा को जोशपूर्ण जीवित रखे । येशु के नामसे प्रार्थना करता हूँ । आमीन।

आज का वचन का आत्मचिंतन और प्रार्थना फिल वैर द्वारा लिखित है। phil@verseoftheday.com पर आप अपने प्रशन और टिपानिया ईमेल द्वारा भेज सकते है।

टिप्पणियाँ